पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:शरीर, धन और घर की कामना को बहा दें, सुख मिलेगा
आज के बाजार की भाषा है क्वालिटी दो और भरपूर कीमत वसूलो। ईश्वर भी इसी विधान पर चलते हैं। वे अपने भक्तों को गुणवत्ता ही देते हैं। घटिया सामान परमात्मा कभी नहीं देता। उसके बदले वो जमकर कीमत वसूलते हैं। ईश्वर द्वारा वसूली गई कीमत का नाम है भरोसा। भगवान कहते हैं आप मुझ पर भरपूर भरोसा रखो। अयोध्यावासियों ने श्रीराम से कहा ‘तनु धनु धाम राम हितकारी, सब विधि तुम प्रणतारति हारी'। हे राम! आप ही हमारे शरीर, धन, घर, द्वार और सभी प्रकार से हित करने वाले हैं। राम जी ने अयोध्यावासियों को शिक्षा दी, तो अयोध्यावासियों ने कहा ऐसी शिक्षा आपके अतिरिक्त और कोई नहीं दे सकता। तो राम कहते हैं कि शरीर, धन और घर यानी रोटी, कपड़ा, मकान के मामले में मुझ पर पूरा भरोसा रखो। मैं इसमें तुम्हारा हित ही करूंगा। चूंकि इन तीनों के कारण हमारे भीतर कामना उतरती है या कामना के कारण ही इनमें हमारा लगाव होता है, तो ईश्वर ने समझाया की कामना का निराकरण साक्षी भाव है। अपने भीतर अपनी कामना को देखो और बह जाने दो। अगर कामना रुकी तो शरीर, धन और घर नुकसान पहुंचाएंगे। कामना को बहा दिया तो ये तीनों सुख का कारण बन जाएंगे।

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